मोटी गर्लफ्रेंड
मोटी गर्लफ्रेंड
एक लड़का अपने घर की छत पर कसरत कर रहा है,,,उसने बनियान पहन रखी है और उसका पूरा शरीर पसीने से भीग चुका है,,,फिर भी वह पूरे दम के साथ,,,कसरत कर रहा है,,,तभी उसका फोन बजा और उसने टावल से अपना मुंह का पसीना साफ कर,,,हाथ पोछे और और अपने दोस्त,,,राजू का फोन उठाकर,,,सुना
राजू - धर्मेंद्र,,,तेरी मोटी गर्लफ्रेंड के साथ,,,कॉलेज के लड़के-लड़कियां,,,रैगिंग कर रहे हैं"!
धर्मेंद्र ने फोन काटकर अपनी मूंछ पर ताव मारा और अपना बुलेट उठाकर चल दिया
धर्मेंद्र ने अपने बुलेट से आकर,,,कॉलेज के गार्डन में देखा,,,उसकी गर्लफ्रेंड के साथ कई लड़के-लड़कियां,,, घेरा बनाक रैगिंग कर रहे हैं और उसे मोटी-मोटी कहकर चिढ़ा रहे हैं और वह लड़की खामोश खड़ी,,शर्मिंदगी महसूस करते हुए,,,रो रही है उसके नंबर के चश्मे के नीचे से उसके आंसू बह रहे हैं,,,,
फिर वह सभी धर्मेंद्र को देखकर,,,उसे भी चिढ़ाने लगते हैं मोटी गर्लफ्रेंड का बॉयफ्रेंड,,,,मोटी गर्लफ्रेंड का बॉयफ्रेंड
जब धर्मेंद्र ने पास आकर अपनी गर्लफ्रेंड की आंखों में आंसू देखे तो उसे गुस्सा आया और उसने वही पास खड़े एक लड़के के सिर से लगातार,,,अपना सिर ठोका,,,वह लड़का वही गिरकर बेहोश हो गया
अपने साथी को बेहोश देखकर,,,दो लड़कों ने धर्मेंद्र के हाथ पकड़ लिए और तीसरा लड़का,,,अपने हाथ में बेट लेकर,, धर्मेंद्र को मारने के लिए दौड़ा,,,जब वह बेट लेकर पास आया तो धर्मेंद्र ने उछल कर,,,उसके मुंह पर लात मारी और उसका बेट,,,उसी के साथी को लगा,,,वह दोनों भी वहीं बेहोश होकर गिर गये,,,फिर धर्मेंद्र ने आखिरी बच्चे लड़के को बहुत सारे चांटे मारे और वह भी नीचे गिर गया
तब धर्मेंद्र ने उन लड़कियों से कहा
धर्मेंद्र - तुम्हारा क्या होगा छिपकलियों,,,तुम,,,मेरी हेमा को मोटी-मोटी,,,कहकर चिड़ा रही हो,,,तुम,,,में कौन सी अच्छी बात है,,,अभी तुम चारों का मेकअप निकाल दो तो तुम,,,खुद को पहचानने से इनकार कर दोगी,,,ऐसे लुच्चे लफंगे,,,आवारा नशेड़ी,,,लड़कों को बॉयफ्रेंड बनाती हो,,,तुम कौन सी चरित्रवान हो,,,,,,,ना तो खुद पढ़ाई करती हो,,,ना दूसरों को पढ़ने देती हो,,,,रोज नए बॉयफ्रेंड बनाने वाली,,,घटिया लड़कियों,,,,तुम क्या जानो प्यार क्या होता है,,,,,,तुम सभी मेरी हेमा के पांव की धूल भी नहीं हो,,,,दफा हो जाओ यंहा से "!
फिर वह चारों लड़कियां शर्मीदंगी महसूस करते हुए,,,हेमा को सॉरी कह कर चली जाती है
पर हेमा अभी भी रो रही है और हेमा ने रोते हुए कहां
हेमा - में,,,तुम्हारे लायक नहीं हूं,,,आज दुनिया मुझे चिड़ा रही है,,,कल तुम्हें भी चिडा़एगी"!
धर्मेंद्र - दुनिया का मुंह तोड़ दूंगा मैं,,,दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है,,,जो हमें अलग कर सके,,,जिएंगे तो साथ,,मरेंगे तो साथ पर कभी डरेंगे नहीं,,,हां"!
हेमा ने दौड़कर धर्मेंद्र को गले लगाया और दोनों के चेहरे गुलाब की तरह खिल गए,,,धर्मेंद्र ने अपनी मुट्ठी उठाकर अपनी खुशी जाहिर की
नेक्स्ट सीन
धर्मेंद्र की मुट्ठी में शराब का प्याला है और वह अपने दोस्त राजू के साथ,,,अपने घर की छत पर इंजॉय कर रहा है,,,तब राजू ने पैक पीकर धर्मेंद्र से पूछा
राजू - धर्मेंद्र,,, तेरी मोटी गर्लफ्रेंड में ऐसा क्या है,,,जो तू उसे,,,अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता है"?
धर्मेंद्र ने राजू को लगातार,,,दो चांटे मारे और कहा
राजू - मुझे किसलिए मारा
धर्मेंद्र - जब तूने,,,सुबह मुझे फोन लगाया था,,, तब क्या कहा था,,,फ्लेशबैक में जाकर,,,याद कर"!
राजू ने फ्लैशबैक में जाकर,,,अपना वाक्य याद किया
राजू - धर्मेंद्र,,,तेरी मोटी गर्लफ्रेंड के साथ कॉलेज के लड़के लड़कियां,,,रैगिंग कर रहे हैं"!
राजू को अपना वाक्य याद आया और उसने कहा
राजू - गलती एक की और चाटे दो क्यों मारे "?
धर्मेंद्र - फिर फ्लैशबैक में जा और अपना इससे पहले वाला डायलॉग याद कर"!
राजू फिर फ्लैशबैक में गया और उसे याद आया
राजू - धर्मेंद्र,,,तेरी मोटी गर्लफ्रेंड में ऐसा क्या है,,,जो तू उसे,,,,अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता है"?
राजू को फिर अपना वाक्य याद आया और उसने कहा
राजू - सॉरी यार,,,भाई"!
धर्मेंद्र - तेरी होने वाली भाभी है,, आइंदा,,,उसके बारे में तमीज से बात करना"!
राजू - ओहो,,,तो बात यहां तक पहुंच गई है,,,चल तेरी और मेरी होने वाली भाभी की कहानी सुना, तुम कहां मिले ओर तुम्हें प्यार कैसे हुआ"?
धर्मेंद्र - मैं आज जो कुछ भी हूं,,,उसी की वजह से हूं,,,जब मैं धूप में खड़ा था,,,वह मेरे लिए छाया बनी,,,जब भी मेरे कदम डगमगाए,,,वह मेरे लिए राह बनी,,,जब मैं नींद में था,,,वह मेरे लिए होश बनी और जिस दिन मेरी जिंदगी में सब कुछ खत्म हो गया था,,,वह मेरी उम्मीद बनी,,,हमारी लव स्टोरी को जानने के लिए,,,तुझे इस घड़ी को उल्टा घूमाना पड़ेगा और मेरे फ्लैशबैक में चलना पड़ेगा"!
नेक्स्ट सीन
दिन के 12:00 बजे है और अलार्म बजा,,,धर्मेंद्र ने उठकर घड़ी देखी और वह जोश के साथ उठा और एग्रीमेंट अपने हाथों में लेकर,,,अपने पापा के पास आया
धर्मेंद्र के पिता गांव के बहुत बड़े जमींदार हैं,,,धर्मेंद्र अपने पिता के सामने आकर बैठा और उसने एग्रीमेंट दिखाते हुए कहा
धर्मेन्द्र - पापा,,,आज एक महीना पूरा हो गया,,,मैं ना तो घर से बाहर निकला हूं और ना मैंने किसी से झगड़ा किया,,,मैंने अपना वादा पूरा किया,,,अब आप अपना वादा पूरा करो"!
पापा - कौन सा वादा"?
धर्मेंद्र - ज्यादा भोले मत बनो,,,मेरे पास तुम्हारा साइन किया हुआ एग्रीमेंट है और इसमें लिखा है,,,अगर एक महीने तक में घर से बाहर नहीं गया और किसी से लड़ाई झगड़ा नहीं करूंगा तो तुम,,,मुझे हीरो बनने के लिए,,,मुंबई जाने दोगे"!
पापा - पहले गुंडागर्दी का भूत चढ़ा था और अब हीरो बनने का बहुत चढ़ा है,,,अगर जिंदगी भर पड़े पड़े भी खाएगा तो दौलत की कमी नहीं आएगी,,,इतनी दौलत कमाई है मैंने "!
धर्मेंद्र - आपने दौलत तो बहुत कमाई है पर नाम बहुत कम कमाया है,,,बस आसपास के दो-तीन गांव वाले ही जानते हैं,,,,आपको,,,मैं अपनी एक्टिंग के दम पर दुनिया में नाम कमाना चाहता हूं और अपनी पहचान बनाना चाहता हूं तो आपको मच्छर क्यों काट रहे हैं"!
पापा ने धर्मेंद्र को चांटा मारा और कहा
पापा - अपने इकलोते,,,,बाप से जबान लड़ाता है,,,कोई जरूरत नहीं है,,,,हीरो बनने की,,,चुपचाप घर में पड़े रहो,,,कल मेरे जवानी के दोस्त,,,,मणीराम अपनी इकलौती बेटी का रिश्ता लेकर,,,तुम्हें देखने आ रहे हैं,,,एक बार तुम्हारी शादी,,,उसकी लड़की से हो जाए फिर हम करोड़पति से अरबपति बन जाएंगे"!
धर्मेंद्र - में हीरो बनना चाहता हूं ओर मेरे पापा,,,मुझे,,,पापा बनाना चाहते हैं,,,भले दुनिया इधर से उधर क्यों ना हो जाए,,,मैं हीरो बनकर ही रहूंगा"! धर्मेंद्र ने अपने मन में सोचा
फिर रात को धर्मेंद्र अपना बैग उठाकर,,,अपने घर से भाग कर,,,मुंबई आ जाता है,,,मुंबई आते ही सबसे पहले,,,उसका पर्स चोरी होता है फिर वह आराम करने के लिए बैग का तकिया बनाकर सोता है तो कोई चुपके से उसका बैग भी चुरा कर ले जाता है
अब धर्मेंद्र के पास कुछ भी नहीं बचा है,,वह एक जगह गार्डन में बैठा,,,कुछ सोच रहा है,,,तब उसके पीछे से एक लड़की की आवाज आई
लड़की - एक्सक्यूज मी"!
धर्मेंद्र ने पलट कर उसकी तरफ देखा तब लड़की ने कहा
लड़की - आप शक्ल से बहुत रईस लगते हो,,,,पता नहीं आपको मेरी बात,,,अच्छी लगेगी या नहीं"!
धर्मेंद्र - पहले बात तो बता बताओ,,तभी तो पता चलेगा,,,बात अच्छी है या बुरी है"!
लड़की - मेरी कामवाली बाई,,,रोज ज्यादा खाना बना देती है,,,इसलिए मैं,,,बचा हुआ खाना,,,किसी भिखारी को दे देती हूं या फिर कुत्तों को डाल देती हूं पर आज ना तो कोई भिखारी मिला और ना कोई कुत्ता मिला,,,क्या आपको भूख लगी है"?
धर्मेंद्र उठकर,,,लड़की के पास आकर बोला
धर्मेंद्र - मैडम,,,,मैं बहुत रइश खानदान से ताल्लुक रखता हूं,,,ऐसा घटिया खाना,,,हमारे घर के कुत्ते बिल्ली भी नहीं खाते हैं और आप यह खाना मुझे खिलाना चाहती हो"!
लड़की - सॉरी सर,,,,वह क्या है,,,मुझे खाने का अपमान करना पसंद नहीं है,,,वैसे यह खाना एक दम फ्रेश है और ताजा भी है,,,अभी बनाकर ही लाई हूं,,,ठीक है,,,,किसी और को दे दूंगी"! लड़की ने पलट कर जाते हुए कहा
तब धर्मेंद्र ने मन में सोचा,,, बेटा धर्मेंद्र,,,2 दिन से कुछ नहीं खाया है तूने,,,,इतिहास गवाह है,,,किसी ने भूखा प्यासा रहकर,,,कभी कोई जंग नहीं जीती है,,,खाएगा पिएगा तो हाथ पैर में जान आएगी,,,भूखा प्यासा रहेगा तो मर जाएगा"!
तब उस जाती हुई लड़की से धर्मेंद्र ने कहा
धर्मेंद्र - अरे मैडम,,,इधर आइए"!
लड़की - कहिए"! लड़की ने आकर पूछा
धर्मेंद्र - क्या बनाया है,,,क्योंकि मैं भी कभी खाने का अनादर नहीं करता हूं,,,जो भी मिल जाए,,,उसे खा लेता हूं"!
लड़की - यह लो, खा लो"! लड़की ने हसते हुए थाली दी
धर्मेंद्र फटाफट सारा खाना खा जाता है और कहता है
धर्मेन्द्र - वेरी टेस्टी,,,पेट खुश हो गया"!
लड़की - जब मैं,,,किसी को खाना खाते हुए देखती हूं तो मुझे बहुत खुशी होती है,,,थैंक यू सो मच,,,मेरा खाना खाने के लिए और मुझे यह खुशी देने के लिए"!
धर्मेंद्र - थैंक यू सो मच,,,,मुझे खाना खिलाने के लिए"! धर्मेंद्र ने थाली देते हुए कहा
लड़की - थाली तो धो कर दो,,,खाना भी खिलाउ और तुम्हारे झूठे बर्तन भी धोखा,,,मैं कोई तुम्हारी घरवाली नहीं हूं,,,,ये लो पानी और अच्छे से साफ करके दो"!
फिर धर्मेंद्र ने थाली धोकर लड़की को दी और लड़की जाने लगी,,,,तब धर्मेंद्र ने मन में कहा
धर्मेन्द्र - लड़की बहुत अच्छी है,,,कोईकमी नहीं है,,,बस थोड़ी मोटी है"!
कहानी फिर फ्लैशबैक से निकलकर,,,धर्मेंद्र के घर की छत पर आती है,,,जहां पर दोनों शराब पी रहे हैं,,,तब राजू ने पैक बनाते हुए पूछा
राजू - तेरी लव स्टोरी तो बहुत इंटरेस्टिंग है,,,यार,,,,फिर आगे क्या हुआ"?
तब धर्मेंद्र बोला
धर्मेंद्र - फिर मैं रोज सुबह शाम,,गार्डन में जाकर बैठ जाता और वह रोज मेरे लिए,,,खाना लेकर आती,,,जिस दिन से वह मिली थी,,,उस दिन से आज तक,,मुंबई में कभी में भूख नहीं रहा,,,उसने भूखा रहने ही नहीं दिया,,,क्योंकि मुझे खाने का शौक है और उसे खिलाने का शौक है,,,एक दिन,,,पार्क में बैठा में उसका इंतजार कर रहा था और मेरे पीछे एक लड़का लड़की बैठे,,,,गुटर गू कर रहे थे,,,,तभी वह आई और मुझे टिफिन देकर,,,मेरे सामने बैठी
मैं टिफिन खोलकर खाने बैठा,,,तभी मेरे पीछे बैठी लड़की,,,अपने बॉयफ्रेंड से बोली
लड़की - बेबी देखो,,,इसकी गर्लफ्रेंड कितनी मोटी है"!
यह सुनकर वह उदास हो गई और उसका खूबसूरत चेहरा मुरझा गया,,,उसका उदास चेहरा देखकर,,,मुझे खाना अच्छा नहीं लग रहा था पर मैं,,,फिर भी में खा रहा था,,,तभी मेरे पीछे बेठी लड़की,,,अपने बॉयफ्रेंड से फिर बोली
Anjali korde
12-Jun-2024 09:26 AM
Awesome
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